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About Us

DONATE NOW, HELP CHARITY !

The DJMS Welfare Foundation, established on October 17, 2024, is a non-governmental organization (NGO). Committed to social equity and empowerment, the Foundation addresses critical issues such as environmental protection, poverty alleviation, and the safeguarding of vulnerable populations, particularly young girls. Founded by Smt. Laxmi Katara, the organization actively promotes education and skill development for underprivileged families, offering training in areas like tailoring and craftwork. Through its initiatives, DJMS Welfare Foundation strives to create a healthier, more equitable society. We invite you to donate and support our mission for a better future.

भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा पंजीकृत स्वयंसेवी संस्था धर्म जागृति मानव सेवा वेलफेयर फाउंडेशन जिसका नीति आयोग पंजीकरण संख्या (UP/2024/0459578) है पूरे देश से ऐसे समाजसेवी महिलाओं और पुरुषों को आमंत्रित करती है जो भारतीय संस्कृति के लिए पूरे देश से सदस्य बनाने में संस्था की सहायता कर सकते हों! यह संस्था 17/10/2024 से शुरू हो गया है और इस संस्था का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म एवं संस्कृति बचाओ अभियान के अंतर्गत बेटियों को प्रोत्साहित करना है ताकि अशिक्षित और निम्न वर्ग के लोग बेटियों को बोझ समझ कर उन्हें गर्भावस्था में ही खत्म ना करें सर्वप्रथम संस्था पूरे देश में सदस्यता अभियान चला रही है जिसके तहत कोई भी महिला या पुरुष जीवन में एक बार मात्र 401/. रुपये का दान करके इस संस्था की सदस्यता ग्रहण कर सकता है सदस्य बनने के लाभ क्या हैं? 1- आपके यहाँ यदि बेटी का जन्म होता है तो संस्था द्वारा आपको एक प्रोत्साहन राशि जो कम से कम 500/. रुपये और अधिकतम 51000/. रुपये तक हो सकती है दिया जाता है 2- यदि आपकी बेटी, बहन, भाई की बेटी या बहन की बेटी की शादी होती है तो संस्था द्वारा आपको कम से कम 500/.रुपये और अधिकतम 51000/. रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है 3- यदि रजिस्टर्ड व्यक्ति अपनी बेटी की शादी 21वर्ष में करता है तो यह संस्था उन्हें सनातन अभिवावक सम्मान प्रदान करती है 4- यदि संस्था से जुड़े हुए व्यक्ति के यहाँ यदि दूसरा बच्चा बेटा या बेटी कोई भी जन्म लेता है तो संस्था द्वारा उसको जननी सम्मान सहायता राशि प्रदान की जाती है 5- संस्था के सदस्य बनने के बाद आपको एक ओनलाइन आईडी नंबर प्रदान किया जाता है जिसका पासवर्ड आप स्वयं बना सकते हैं 6- संस्था के सदस्य बनने के पश्चात संस्था सभी को समान अधिकार देते हुए यह अवसर प्रदान करती है कि जो भी व्यक्ति या महिला समस्त भारतवर्ष में संस्था के सदस्य बनाने में सहयोग करता है संस्था उसको बहुत सारी योजनाओं के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है 7- सर्व प्रथम संस्था का मानना है कि जो भी संस्था का सदस्य बने वह व्यक्ति या महिला अपने साथ कम से कम 2-2 सदस्यों को अवश्य संस्था ज्वाइन करायें और इसके लिए संस्था उन्हें 50 रुपये का एक हर घर तुलसी पूजन के लिए प्रदान करती है 8- यदि आपके द्वारा बनाये गये सदस्यों के द्वारा 2-2 सदस्यों को संस्था में जोड़ने का कार्य किया जाता है तो संस्था आपको एक और राशि 100 एवं 200 रुपये प्रदान करती है 9- संस्था की दृष्टि में अब आप कुशल कार्यकर्ता बन जाते हैं और अब यदि आपके साथ जो भी सदस्य आते हैं और वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते जाते हैं तो आपको संस्था पौधारोपण एवं गौमाता एक रोटी अभियान, हनुमान चालीसा पाठ के लिए 600+750+1500 रुपये, बेटी जागरुकता अभियान 3100/. रुपये, स्वास्थ्य जागरुकता 5100/. रुपये, अनाथ बच्चों की सहायता हेतु 11000/.रुपये, बेसहारा योजना के अंतर्गत 31000/.रुपये, अनाथालय सहायता के लिए 51,000 रुपये, सनातन धर्म प्रचार प्रसार के लिए 1,01,000/. सहायता के बेटी बचाओ अभियान के लिए 1,51,000/. रुपये, खेल कूद प्रतियोगिता के लिए 3,51,,000/.रुपये प्रदान करती है 10- अब संस्था की दृष्टि में आप परिपक्व समाज सेवी बन जाते है, अब आपको प्रतियोगिता सम्मान समारोह के अंतर्गत 8 लाख की सहायता दिया जाता है, इसके बाद आपको सार्वजनिक पेयजल योजना के अंतर्गत 7 लाख का फंड दिया जाता है, इसके बाद आपको भागवत कथा आदि धार्मिक कार्यक्रम सहायता के लिए 15 लाख की सहायता संस्था द्वारा प्रदान किया जाता है 11- अब आपका समाज में एक अच्छा जान पहचान बन चुका होगा तो संस्था आपको 51 लाख की सहायता राशि सामूहिक विवाह सम्मेलन के लिए दिया जाता है और 1.5 करोड़ की सहायता राशि संस्था गौशाला निर्माण के लिए आपको देती है 👉 अब इतना कुछ यदि यह संस्था आपके लिए करने जा रही है तो क्या आप संस्था के लिए पूरे भारत वर्ष से मात्र 2 सदस्य नहीं बना सकते हैं क्या पता आपकी किस्मत यही 2 लोग बदल दें! ‌DJMS WELFARE FOUNDATION के इस समाजसेवी कार्य में सहयोग करते हुए कुछ गरीब और बेटियों की सहायता करने का संकल्प लें! अधिक जानकारी के लिए हमें संपर्क करें- नोट- क्रम संख्या 1-4 तक की दर्शायी गयी सहायता राशि सदस्यता ग्रहण करने के 100 दिन बाद मान्य हो गईं नियम व शर्तें लागू किसी भी प्रकार के विषय में न्याय क्षेत्र आगरा उत्तर प्रदेश होगा

# Save Girls: Empowering the Future

## Understanding the Importance

The movement to “Save Girls” is more than a call to action; it’s a commitment to empower, protect, and uplift young women around the globe. Girls are the backbone of future societies, and investing in their well-being and education is crucial for sustainable development.

## Challenges Faced by Girls

Girls worldwide encounter numerous challenges that hinder their growth and development:

– *Gender Discrimination*: Despite advancements, gender inequality remains prevalent, limiting opportunities for girls in education, employment, and leadership.
– *Lack of Access to Education*: Millions of girls are denied the right to education due to poverty, cultural norms, or conflict.
– *Child Marriage*: Many girls are forced into marriage at a young age, curtailing their education and personal development.
– *Violence and Exploitation*: Gender-based violence, trafficking, and exploitation are critical issues that threaten the safety of girls.

## The Importance of Education

Empowering girls through education is one of the most effective ways to break the cycle of poverty and discrimination. When girls are educated:

– They are more likely to earn higher incomes and contribute to economic growth.
– They have greater autonomy and decision-making power.
– They are less likely to marry early and have children at a young age.
– They can lead healthier lives and invest in the health of their families.

## Strategies for Empowerment

To truly save and empower girls, a multifaceted approach is needed:

### Promoting Education

– *Scholarships and Financial Support*: Provide financial aid to ensure girls have access to education.
– *Safe Schools Initiative*: Create a safe and supportive learning environment for girls.
– *Technical and Vocational Training*: Offer skills training to prepare girls for the workforce.

### Legal and Policy Reforms

– *Enforce Laws Against Child Marriage*: Strengthen laws and their enforcement to protect girls from early marriage.
– *Anti-Discrimination Policies*: Promote policies that ensure equal opportunities for girls in all sectors.

### Community Engagement

– *Awareness Campaigns*: Educate communities about the benefits of educating and empowering girls.
– *Role Models and Mentorship*: Encourage successful women to mentor young girls, providing guidance and inspiration.

### Health and Well-being

– *Access to Healthcare*: Ensure girls have access to necessary healthcare services.
– *Mental Health Support*: Provide resources to support the mental well-being of girls facing stress and trauma.

## Conclusion

Saving girls is not just a moral obligation; it’s an investment in the future. By addressing the challenges they face and implementing strategies for empowerment, we can create a world where every girl has the opportunity to thrive. Let’s commit to a future where girls are celebrated, supported, and given the tools they need to succeed.

सनातन संस्कृति बचाओ अभियान क्या है जानते हैं
भारत का सबसे प्राचीन धर्म सनातन धर्म है
भारतीय संस्कृति का अनुसरण पूरे विश्व में किया जाता है इसलिए हमें संस्कृति बचाओ अभियान की पहल करनी होगी और लोगों को जागरूक करना होगा
संस्कृति बचाओ अभियान में संस्था द्वारा समस्त भारतवर्ष में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिससे समाज में सनातन संस्कृति के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा किया जा सके
संस्था का उद्देश्य केवल सनातन धर्म और संस्कृति का संरक्षण करना है किसी अन्य उद्देश्यों से कोई कार्य नहीं किया जायेगा
विभिन्न समाजसेवी अभियान जैसे वृक्षारोपण अभियान, स्वास्थ्य जागरुकता एवं स्वच्छता अभियान आदि योजनाओं को संचालित किया जाएगा
संस्था द्वारा सनातनी भाइयों को आमंत्रित करती है कि बेटियों को शिक्षित कीजिए और उनको उचित सम्मान दीजिए
यदि आपकी बेटी, बहन, भाई की बेटी या बहन की बेटी की शादी होती है तो संस्था द्वारा आपको कम से कम पांच सौ एक रुपये अथवा जो भी समयानुसार अधिकतम होगा वह सहायता राशि अथवा उपहार आपकी बिटिया को कन्यादान योजना में प्रदान करती है
दहेज मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करने का उद्देश्य है जो भी व्यक्ति अपने बच्चे की शादी बिना दहेज के करेगा संस्था उन्हें सनातन अभिभावक का सम्मान प्रदान करेगी
यदि संस्था से जुड़े हुए व्यक्ति के यहाँ दूसरा बच्चा बेटा या बेटी कोई भी जन्म लेता है तो संस्था द्वारा उसको जननी सम्मान सहायता राशि प्रदान की जाती है
उपरोक्त लाभ सदस्यता ग्रहण करने के सौ दिन बाद ही प्राप्त कर सकते हैं
संस्था के सदस्य बनने के पश्चात संस्था सभी को समान अधिकार देते हुए यह अवसर प्रदान करती है कि जो भी व्यक्ति या महिला समस्त भारतवर्ष में संस्था के सदस्य बनाने में सहयोग करता है संस्था उसको बहुत सारी योजनाओं के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है
सर्व प्रथम संस्था का मानना है कि जो भी संस्था का सदस्य बने वह व्यक्ति या महिला अपने साथ कम से कम दो दो सदस्यों को अवश्य संस्था ज्वाइन करायें और इसके लिए संस्था उन्हें 50 रुपये की सहायता एक हर घर तुलसी पूजन के लिए प्रदान करती है
यदि आपके द्वारा बनाये गये सदस्यों के द्वारा दो दो सदस्यों को संस्था में सदस्यता ग्रहण कराया जाता है तो संस्था आपको सौ एवं दो सौ रुपये से पुरस्कृत करती है
संस्था पौधारोपण एवं गौमाता एक रोटी अभियान
हनुमान चालीसा पाठ के लिए सहायता करती है
बेटी जागरुकता अभियान इकतीस सौ, स्वास्थ्य जागरुकता इक्यावन सौ, अनाथ बच्चों की सहायता हेतु ग्यारह हजार, बेसहारा योजना के अंतर्गत इकतीस हजार, अनाथालय सहायता के लिए इक्यावन हजार, सनातन धर्म प्रचार प्रसार के लिए एक लाख एक हजार की सहायता के बेटी बचाओ अभियान के लिए
एक लाख इक्यावन हजार, खेल कूद प्रतियोगिता के लिए तीन लाख इक्यावन हजार की सहायता करती है
अब आपको प्रतियोगिता सम्मान समारोह के अंतर्गत आठ लाख की सहायता दिया जाता है, इसके बाद आपको सार्वजनिक पेयजल योजना के अंतर्गत सात लाख का फंड दिया जाता है, इसके बाद आपको भागवत कथा आदि धार्मिक कार्यक्रम सहायता के लिए पंद्रह लाख की सहायता संस्था द्वारा प्रदान किया जाता है
आपको इक्यावन लाख की सहायता राशि सामूहिक विवाह सम्मेलन के लिए दिया जाता है और एक करोड़ पचास लाख की सहायता राशि संस्था गौशाला निर्माण के लिए आपको देती है
धर्म जागृति मानव सेवा वेलफेयर फाउंडेशन
के इस समाजसेवी कार्य में सहयोग करते हुए कुछ गरीब और बेटियों की सहायता करने का संकल्प लें
अधिक जानकारी के लिए हमें संपर्क करें

# Save Culture, Save Cows

In many cultures around the world, cows hold significant symbolic and practical importance. They are revered not only for their contributions to agriculture and sustenance but also for their cultural and spiritual significance. Preserving the traditions and values associated with cows can play a crucial role in maintaining cultural identity and environmental balance.

## Cultural Significance of Cows

Cows have been an integral part of human civilization for thousands of years. In Hindu culture, cows are considered sacred and symbolize non-violence, motherhood, and abundance. This reverence is evident in various religious texts and practices, where cows are often depicted as companions of deities and are intrinsic to rituals and festivals.

In other cultures, such as those of the Maasai people of East Africa, cows are central to social and economic life. They represent wealth, status, and are essential in ceremonies and community gatherings. These cultural connections demonstrate the profound respect and reliance humans have for cows across the globe.

## Environmental and Economic Contributions

Cows play a vital role in sustainable agriculture. They provide milk, meat, and leather, which are fundamental to the livelihoods of millions of people. Moreover, they contribute to soil fertility through manure, which is a natural fertilizer that enriches the land for crop production.

Promoting sustainable farming practices involving cows can lead to a balanced ecosystem. By integrating traditional knowledge with modern techniques, communities can enhance productivity while preserving the environment.

## Challenges and Solutions

Despite their importance, cows face numerous challenges, including industrial farming, habitat loss, and climate change. These issues not only threaten the well-being of cows but also the cultural practices and economies that rely on them.

### Solutions:

– *Sustainable Farming:* Encourage practices that balance productivity with ecological health. This includes rotational grazing, organic farming, and humane treatment of livestock.

– *Cultural Education:* Raise awareness about the cultural and ecological significance of cows. Educational programs can foster respect and understanding, promoting conservation efforts.

– *Policy Support:* Advocate for policies that protect cattle and their habitats. Governments can play a pivotal role by implementing laws that prevent cruel practices and support sustainable agricultural initiatives.

## Conclusion

Saving cows is not just about preserving an animal; it is about respecting and nurturing the intricate web of culture, tradition, and ecology they are part of. By recognizing their contributions and addressing the challenges they face, we can ensure that cows continue to play a vital role in our world, enriching both our cultures and our environment. Let us commit to saving culture and saving cows for a sustainable and harmonious future.

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